वाराणसी में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार हुई मां रिहा, बच्ची से मिल कर भावुक हुई।
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गईं पर्यावरण एक्टिविस्ट एकता शेखर को 14 दिन बाद आज जमानत मिली। रिहा होते ही एकता महमूरगंज स्थित घर पहुंचकर अपनी 14 माह की बेटी से मिलीं। एकता ने कहा कि 5 दिन तक मुझे किसी रिश्तेदार से मिलने नहीं दिया गया, जेल के अधिकारी ऊपर से प्रेशर होने की बात कहते थे। उन्होंने कहा कि बेटी की चिंता में एक-एक पल पहाड़ की तरह कटा।
एकता ने कहा, 19 दिसंबर को सुबह 10 बजे मैं और मेरे पति रवि शेखर घर से निकले थे। उस दिन अशफाक उल्लाह खान और राम प्रसाद बिस्मिल का शहादत दिवस था। कार्यक्रम बेनियाबाग में होना था। सभा में इस बात पर भी चर्चा होनी थी कि क्या संविधान और कानून से छेड़छाड़ की गई है? रैली और जनसभा से पहले पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी थी। हम लोग गलियों से होकर रैली में शामिल हुए। 12 बजे बस से हम सभी पुलिस लाइन आए और यहां भी सभा की। रोजगार, दवाओं के दामों पर बात रखी गई। शाम को 6:00 बजे हम लोगों को पता चला कि हमें जिला कारागार शिफ्ट किया जा रहा है। मुझे और मेरे पति को घर के भी बहुत काम करने थे। बच्ची का दूध और डाइपर लेना था। और वही पता चला की हमे तो जेल भेजा जाएगा। हमारे बड़े जेठ जेल के बाहर थे। उनको सारी बातें बताकर हम दोनों अंदर चले गए थे।
एकता ने कहा- एक एक्टिविस्ट के तौर पर जेल में रहना गर्व की बात थी, पर बच्ची से दूर रहना मुश्किल भरा रहा। मां होने की वजह से बेटी की फिक्र में एक-एक पल पहाड़ की तरह कट रहा था।
Ekta Shekhar who was arrested along with her husband during protests against Citizenship Amendment Act in Varanasi on 19th December, has been granted bail. Ekta says, “My baby daughter Champak is dependent on my milk, I was worried about her. It was very tough for me”. pic.twitter.com/ZhaIk61P01
— ANI UP (@ANINewsUP) January 2, 2020