किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- किसानो की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के पीछे कुछ असामाजिक तत्व
दिल्ली में मंगलवार को किसानो द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड हिंसा में तबदील हो गई। इस परेड में किसानों की भीड़ पुलिस की ओर से तय किए गए रूट से बाहर निकलकर लाल किले तक पहुंच गई। ये किसान सिंघु बॉर्डर से आए थे। हिंसक भीड़ ने यहां तैनात पुलिसवालों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जान बचाने के चक्कर में कई जवान 15 फीट ऊंची दीवार से गिर गए। तो कईयों को हमलावरों से बचने के लिए कूदना पड़ा। इसका एक वीडियो सामने आया है। इस घटना में 41 पुलिसवाले घायल हो गए। वहीं, दिल्ली में मंगलवार की हिंसा में कुल 86 पुलिसकर्मी घायल हुए।
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 15 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें से ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने रैली के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया।
उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हिंसा के पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे जिनकी पहचान की जाएगी। ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। लाल किले पर भारी सुरक्षा-व्यवस्था है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। लाल किला मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं। लाल किला स्टेशन पर प्रवेश निषेध है किंतु स्टेशन से बाहर आया जा सकता है। मेट्रो के अनुसार बाकी स्टेशन खुले हुए हैं औऱ सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य हैं।
मंगलवार को दोपहर करीब 2 बजे हजारों किसान मेन गेट से लाल किले के अंदर घुस गए। उन्होंने अंदर तोड़फोड़ तो की ही, किले की प्राचीर पर चढ़कर धार्मिक ध्वज निशान साहिब और किसानों का झंडा लगा दिया। हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री इसी जगह तिरंगा फहराते हैं। यह हंगामा करीब 90 मिनट तक चलता रहा। इसके बाद पुलिस ने उपद्रव कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें खदेड़कर बाहर निकाल दिया।
किसानों की हिंसा के बीच लाल किले के पास लगभग 300 आर्टिस्ट फंस गए। इनमें बच्चे भी शामिल थे। ये सभी गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए थे। कई घंटे फंसे रहने के बाद पुलिस ने उन्हें रेस्क्यू किया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें दरियागंज मेस भेज दिया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की तस्वीरें दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र से मेल खा रही हैं। जिस तरह लाल किले पर आंदोलनकारियों ने उपद्रव किया, ठीक उसी तरह अमेरिका में 6 जनवरी को ट्रम्प समर्थकों ने हंगामा किया था।
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने माफी मांगी है और परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। फिलहाल प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। हिंसा के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है। ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन का एंट्री गेट बंद कर दिया गया है। यहां से यात्रियों को एग्जिट की अनुमति है, लेकिन एंट्री नहीं कर सकते। हालांकि बाकी सभी मेट्रो स्टेशन खुले हैं, सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य है। ये जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दी है।