पीएम मोदी ने कहा- युवा काबिलियत पर विश्वास करें, पॉजिटिव सोचें और बचने की बजाय मुश्किल जीत की तरफ जाएं
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज असम के तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक ओर जहां देश के युवा जोश की तारीफ की। वहीं तीन मंत्र के जरिए उनका हौसला बढ़ाने की भी कोशिश की। दीक्षांत सामरोह में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सिर्फ अपने फ्यूचर के लिए नहीं देश के फ्यूचर के लिए भी काम करें। इस खास मौके पर पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया को मिली शानदार जीत का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए हमारे कुछ खिलाड़ियों को अनुभव भले ही कम था, लेकिन हौसला बुलंद था. मौका मिला तो उन्होंने इतिहास रच दिया।
मोदी ने कहा कि इस जीत के साथ युवाओं को 3 सीख भी मिली है। वह यह कि युवा काबिलियत पर विश्वास करें, पॉजिटिव सोचें और बचने की बजाय मुश्किल जीत की तरफ जाएं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘चोट लगने के बाद भी हमारे खिलाड़ी मैच बचाने के लिए मैदान पर डटे रहे। हमारे युवा खिलाड़ियों ने चुनौतियों का सामना किया। नए विकल्प तलाशे। अनुभव कम था, लेकिन हौंसला बुलंद था। उन्हें जब मौका मिला उन्होंने इतिहास बना दिया। उनमें इतनी ताकत थी की एक अनुभवी टीम को हरा दिया।’
आप को बता दे कि टीम इंडिया ने इसी महीने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 4 टेस्ट की सीरीज में 2-1 से हराया है। इसी के साथ भारतीय टीम ने कई बड़े रिकॉर्ड भी बनाए हैं। विराट कोहली की कप्तानी में भारत सीरीज का पहला टेस्ट हार गई थी। इस मैच की दूसरी पारी में भारतीय टीम अपने टेस्ट इतिहास के सबसे छोटे 36 रन के स्कोर पर भी सिमट गई थी।
पहले टेस्ट में हार के बाद टीम ने शानदार वापसी की। जबकि कोहली पैटरनिटी लीव पर जा चुके थे और कमान अजिंक्य रहाणे के हाथ में थी। उसने दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज बराबर कर दी। इसके बाद तीसरा टेस्ट सिडनी में खेला गया, जो ड्रॉ रहा। सीरीज के तीसरे मैच तक आते-आते भारतीय टीम के 9 खिलाड़ी चोटिल हो चुके थे। उनमें से 7 तो सीरीज से ही बाहर हो गए थे। चौथे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन के सिलेक्शन में भी मुश्किलें आ रही थी।
चौथा टेस्ट ब्रिस्बेन में खेला गया था, जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को आखिरी दिन 3 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। बड़ी बात यह थी कि 7 खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद टीम में नेट बॉलर टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर को शामिल किया गया था। नटराजन पहले भारतीय प्लेयर हैं, जिन्होंने एक ही दौरे पर तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में डेब्यू किया। वहीं, टेस्ट में डेब्यू करने वाले सिराज 3 मैच में सबसे ज्यादा 13 विकेट लेने वाले भारतीय बॉलर रहे थे।