सीएए को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर 144 याचिकाओं पर सुनवाई, 3 जजों की बेंच कानून की संवैधानिकता जांचेगी।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दायर 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि इस मामले में केंद्र का पक्ष भी सुना जाएगा, तब तक कानून पर रोक नहीं लगाएंगे। सरकार की ओर से अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सीएए को लेकर 144 याचिकाएं पहले ही दायर हो चुकी हैं। अब नई याचिकाएं स्वीकार न की जाएं। अगर नई याचिकाएं आती रहीं तो हमें हर जवाब देने के लिए और ज्यादा समय चाहिए होगा। अटॉर्नी जनरल ने इसके लिए 6 हफ्ते का वक्त मांगा है। इस पर कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई शुरू होने से पहले ही अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा- कोर्ट का माहौल शांत रहना जरूरी। उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा- इस कोर्ट में कौन आ सकता है और कौन नहीं, इस पर नियम होने चाहिए। अमेरिकी और पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में भी कोर्ट रूम के अंदर आने वालों के लिए कुछ नियम हैं।
सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 से भारत में आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदायों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दी थी। इसके बाद यह कानून बन गया। इसके विरोध में पूर्वोत्तर समेत देशभर में प्रदर्शन हुई। इस दौरान हुई हिंसा में यूपी समेत कई राज्यों में लोगों की जान भी गई।
SC hearing petitions on #CitizenshipAmendmentAct:: Supreme Court issues notice to Centre on fresh petitions filed challenging the Act. SC says, it will hold in-chamber hearing on procedural issue of the case. pic.twitter.com/FMiXg8Qa51
— ANI (@ANI) January 22, 2020