कोर्ट ने कहा- सभी दोषियों को सप्ताह में 6 घंटे सामाज सेवा करनी है, स्थानीय पुलिस स्टेशन में हर सप्ताह हाजिरी भी लगानी है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में 17 दोषियों को जमानत दे दी है। उन्हें मध्य प्रदेश भेजने और सामाजिक, आध्यात्मिक सेवा करने के लिए कहा गया। सभी लोग सरदारपुरा गांव में भड़की हिंसा में दोषी करार दिए गए थे। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने दोषियों को दो समूहों में बांटा। उन्होंने कहा कि एक समूह मध्य प्रदेश के इंदौर में रहेगा। जबकि दूसरा समूह जबलपुर जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
सभी दोषियों को सप्ताह में 6 घंटे सामाजसेवा करनी होगी।
स्थानीय पुलिस स्टेशन में हर सप्ताह जमानत शर्तों के अनुसार हाजिरी लगानी होगी।
इंदौर और जबलपुर में जिला विधिक सेवा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दोषी समाज सेवा और आध्यात्मिक कार्यों में शामिल रहें।
अधिकारी दोषियों को आजीविका के लिए रोजगार खोजने में मदद करें।
मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा अधिकारी 3 महीने के बाद रिपोर्ट दें कि दोषियों ने शर्तों का पालन किया है या नहीं।
जिन दोषियों को सरदारपुरा दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी। 2016 में गुजरात हाईकोर्ट ने निचली अदालत से दोषी करार 31 में से 14 को जमानत दे दी थी, जबकि 17 दोषियों की सजा बरकरार रखी थी। इस दंगे में 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। सरदारपुरा दंगे के मामले में पुलिस ने 76 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से दो की जांच के दौरान मौत हो गई थी और एक नाबालिग था।
‘Relocate to MP, do community service’: SC grants bail to 17 convicts in 2002 Gujarat riots case https://t.co/YMSDuFrB2O via @NewIndianXpress
— VOXINDICA (@VOXINDICA) January 28, 2020