सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले गुरुवार को दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज की थी, उसके पास दया याचिका का विकल्प।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज निर्भया के गुनहगारों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी। विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति को याचिका भेजी थी। उसकी क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। अब दोषी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प बाकी हैं। इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी। अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी कि निर्भया के गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं।
इस दौरान दोषियों में शामिल अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जा सकता है। हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इस देश की अदालतें कानूनी उपायों में जुटे किसी भी दोषी से आंख मूंदकर भेदभाव नहीं कर सकतीं।
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था- एक दोषी की याचिका लंबित होने से बाकी दोषियों को फांसी देना गैर-कानूनी होगा। अभी दोषियों के पास दया याचिका समेत कानूनी विकल्प हैं। वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था- 7 साल पहले उनकी बेटी के साथ अपराध हुआ और सरकार बार-बार दोषियों के सामने झुक रही है।
चारों दोषियों की अभी क्या स्थिति-
मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
अक्षय सिंह ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसने दया याचिका दायर नहीं की है।
पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।
2012 Delhi gang-rape case: The President of India rejects mercy plea of convict Vinay Sharma pic.twitter.com/SDzNrEiYxk
— ANI (@ANI) February 1, 2020