प्रशांत किशोर के अलावा जदयू ने पवन वर्मा को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बर्खास्त किया।
जदयू ने प्रशांत किशोर (पीके) और पवन वर्मा को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। जदयू ने इन दोनों नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर कार्रवाई की है। प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं। पवन वर्मा को दिल्ली में भाजपा और जदयू के गठबंधन पर ऐतराज है। नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा था कि प्रशांत को अमित शाह के कहने पर पार्टी में लाए थे, अगर वे जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। नीतीश के इस बयान पर पीके ने तुरंत प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश गिरा हुआ झूठ बोल रहे हैं। इसके 20 घंटे बाद ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
पार्टी से निकाले जाने के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने लिखा- शुक्रिया नीतीश कुमार। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए मेरी आपको शुभकामनाएं हैं। भगवान आपका भला करे।
नीतीश ने कहा- किसी को हम थोड़े ही पार्टी में लाए थे। अमित शाह के कहने पर मैंने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल कराया था। अमित शाह ने मुझे कहा था कि प्रशांत को पार्टी में शामिल कर लीजिए। अब अगर वे जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं। लेकिन, अगर उन्हें जदयू के साथ रहना है, तो पार्टी की नीति और सिद्धांतों के मुताबिक ही चलना पड़ेगा। मुझे पता चला है कि प्रशांत किशोर आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में अब उन्हीं से पूछना चाहिए कि वे जदयू में रहना चाहते हैं या नहीं।
Thank you Nitish Kumar, says Prashant after JDU expels him from party
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— ANI Digital (@ani_digital) January 29, 2020