सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर लापता हुए चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का पता चल गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने लैंडर के मलबे की तस्वीरें जारी की हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर लापता हुए लैंडर को नासा ने ढूंढ लिया है। नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की है। दावे के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा उसके क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2×2 पिक्सेल के हैं।
नासा के मुताबिक विक्रम लैंडर की तस्वीर एक किलोमीटर की दूरी से ली गई है। इस तस्वीर में सॉइल इम्पैक्ट भी देखा गया है, तस्वीर साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चांद की सतह पर जहां विक्रम लैंडर गिरा वहां सॉइल डिसटर्बेंस (मिट्टी को नुकसान) भी हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने नासा से संपर्क साधा है और विक्रम लैंडर के इम्पैक्ट साइट की जानकारी मांगी है।
चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की सात सितंबर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जानी थी। हालांकि, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से 2.1 किमी पहले ही इसरो का लैंडर से संपर्क टूट गया था। विक्रम लैंडर दो सितंबर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से अलग हुआ था। भारतीय वैज्ञानिकों का मनोबल न टूटे इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो मुख्यालय पहुंचकर वैज्ञानिकों का हौसला आफजाई किया था। दुनिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान-2 फेल नहीं हुआ है।