अस्पताल में 17 लोगों का अब भी चल रहा है इलाज
मध्यप्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से अब तक 20 लोगो की मौत हो चुकी है और गंभीर रूप से बीमार 17 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आनन-फानन में बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों की बैठक बुलाई। मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और SP अनुराग सुजातिया को हटाने का आदेश दिया गया है। SDOP को सस्पेंड किया गया है। 5 साल पहले मुरैना के जिस विसंगपुरा-मानपुर में शराबबंदी का निर्णय लिया गया था, उसी गांव में जहरीली शराब पीने से 3 दिन में 20 लोगों की जान चली गई।

मरने वालों में आठ लोग मानपुरा गांव के हैं, जिनमें शराब तस्कर का भाई भी शामिल है। सुमावली के पहावली गांव के चार लोगों की मौत हुई है। इनमें दो सगे भाई हैं। इस मामले में प्रभारी आबकारी अधिकारी जावेद खां और बागचीनी थाना प्रभारी अविनाश राठौड़ समेत दो बीट प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। छैरा-मानपुरा में दुकान-गुमटियों से अवैध शराब बेचने वाले सात शराब तस्कर मुकेश किरार, मानपुरा के गिर्राज किरार, उसके बेटे राजू किरार, पप्पू शर्मा और उसके बेटे कल्ला शर्मा, रामवीर राठौर और उसके बेटे प्रदीप राठौड़ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को गंभीरता से लेते हुए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट में मुरैना के जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा की। चौहान ने ट्वीट किया, ‘मुरैना की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखदाई है। मामले की जांच जारी है, लेकिन प्रथम दृष्टया सुपरविजन में लापरवाही बरतने पर जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित किया गया है।’ इस बीच एक पुलिस अधिकारी को भी निलंबित किया गया है।
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक दल वहां भेजा है। मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा, ‘मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की घटना बेहद दुखद और पीड़ादायक है। इस मामले में संबंधित थाना प्रभारी और जिलाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच के लिए अलग से एक दल भी भेजा है। घटना के लिए जिम्मेदार कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।’
छैरा-मानपुर में जहरीली शराब का खुलासा तब हुआ, जब 52 साल के एक व्यक्ति की रविवार देर रात मौत हो गई। परिजन ने हार्टअटैक समझकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया, लेकिन सोमवार की सुबह जब एक-एक कर गांव के 28 से अधिक लोगों को उल्टियां शुरू हुईं तो गांववाले उन्हें जिला अस्पताल ले गए। इनमें दो लोगों की इलाज से पहले, सात की जिला अस्पताल में और तीन की ग्वालियर में मौत हो गई। गांववालों ने पहले ट्रैक्टर से शव ले जाने की जिद की। बाद में एंबुलेंस से शव उतारकर मुरैना-जौरा हाईवे पर दो घंटे जाम लगाया।