महबूबा मुफ्ती के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा- उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को पहली प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित की थी। इसमें उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय ध्वज को तभी उठाएंगे, जब हमारे राज्य के ध्वज को वापस लाया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज केवल इस (जम्मू और कश्मीर) ध्वज और संविधान वजह से है। हम इसी ध्वज के कारण देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं।”
भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के इस बयान को देशद्रोह बताया है और मांग की है कि महबूबा के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की जाय। कांग्रेस ने भी उनके इस बयान की आलोचना की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर में महबूबी मुफ्ती की कोई जरूरत नहीं है, वह कोई झंडा उठाएं या नहीं कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर के लोगों के दिलों में तिरंगा झंडा बसा है। उनके मन में भारत माता बसती है। जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट अंग था, है और हमेशा रहेगा। यहां सिर्फ तिरंगा झंडा ही फहराया जाएगा। दुनिया की कोई ताकत अब जम्मू-कश्मीर में अलग से कोई झंडा नहीं लगा सकती है।
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विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रदेश कार्यकारी प्रधान राजेश गुप्ता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हुए भारत सरकार को डकैत बताया है। वे मानसिक संतुलन खो बैठी हैं। महबूबा ने कश्मीर में अपना राजनीतिक आधार खो दिया है। जम्मू-कश्मीर की जनता अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पक्ष में रही है। महबूबा के पास अपने पुनर्वास के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है। श्री राम मंदिर के मुद्दे का उल्लेख करके महबूबा ने सर्वोच्च न्यायालय का अनादर करने का प्रयास किया है। उन्होंने महबूबा को ऐसी बयानबाजी के लिए एफआईआर या कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
चौदह माह तक नजरबंद रहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रिहा होते ही कश्मीर घाटी में अलगाववाद को हवा देनी शुरू कर दी है। नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला के चीन की मदद से 370 बहाल करवाने के बयान के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी शुक्रवार को अपनी अलगाववादी सोच स्पष्ट कर दी है। प्रेस कांफ्रेंस ने उन्होंने कहा कि आज के भारत के साथ वह सहज नहीं हैं।