इससे पहले 19 जनवरी को के-4 मिसाइल का अंडरवाटर टेस्ट किया गया था।
आंध्र प्रदेश के विशाखापतनम में शुक्रवार को 6 दिनों के अंदर दूसरी बार परमाणु क्षमता से युक्त के-4 मिसाइल का अंडरवाटर टेस्ट किया गया। सरकार के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि विशाखापतनम के तट पर अंडरवाटर प्लेटफॉर्म से 3500 किलोमीटर रेंज वाली के-4 मिसाइल को दागा गया। इसे रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।
इससे पहले 19 जनवरी को के-4 मिसाइल का अंडरवाटर टेस्ट किया गया था। इन मिसाइलों का निर्माण भारत में बनी अरिहंत क्लास परमाणु पनडुब्बियों के लिए किया गया है। रफ्तार की वजह से के-4 बैलिस्टिक मिसाइल को कोई भी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम ट्रैक नहीं कर सकता।
के-4 के परीक्षण के साथ ही भारत भी अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों में शामिल हो गया है, जो जल-थल-नभ से परमाणु क्षमता युक्त मिसाइलें दागने में सक्षम है। के-4 की बात करें तो यह अपनी तकनीक और हाईपरसोनिक रफ्तार (6 हजार किमी/घंटे से ज्यादा) की वजह से खास है। इस रफ्तार की वजह से एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे ट्रैक करके नष्ट नहीं कर सकते।
Government Sources: For the second time in the last six days, India, today successfully test-fired the 3,500 km strike range K-4 submarine-launched ballistic missile off the coast of Vishakhapatnam.The DRDO-developed missile was testfired from an underwater platform today morning pic.twitter.com/nerLhPDZqp
— ANI (@ANI) January 24, 2020