अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर और राजकोट के 2276 उम्मीदवारों के भविष्य का आज फैसला होगा
गुजरात निकाय चुनाव के लिए मतगणना जारी है। आज राज्य के छह महानगरों अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर और राजकोट के 2276 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला होगा। अहमदाबाद समेत 6 महानगर पालिका की कुल 576 सीटों पर 21 फरवरी को वोट डाले गए थे। सभी 6 मनपा यानी अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर और भावनगर में भाजपा को बहुमत मिल गया गया है। भाजपा ने 401 और कांग्रेस 50 सीटें जीत ली हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने भी पहली बार अहमदाबाद के 6 वार्डों में प्रत्याशी उतारे थे। शुरुआती रुझानों में 3 सीटों पर AIMIM के उम्मीदवार आगे थे। लेकिन AIMIM आखिर में हार गई है। अहमदाबाद की नारायणपुरा सीट पर महिला उम्मीदवार बिंद्रा सूरती के सामने कोई उम्मीदवार न होने की वजह से भाजपा यह सीट चुनाव पूरे होने से पहले ही जीत चुकी है।
एक खबर और भी पढ़े…अब Facebook देंगा न्यूज कंटेंट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सरकार के बीच हुआ समझौता
सूरत में 2015 के चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। इसकी दो वजहें हैं। पहली- पाटीदार आरक्षण समिति (पास) ने कांग्रेस का विरोध किया था। दूसरी- आम आदमी पार्टी ने पाटीदार उम्मीदवारों को टिकट दिए और उसी क्षेत्र को केंद्र में रखकर प्रचार किया। यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी यहां कांग्रेस से भी आगे निकल गई। भाजपा ने भी पाटीदार क्षेत्रों में रोड शो किए थे, लेकिन इसके बावजूद उसका सभी 120 सीटें जीतने का टारगेट पूरा होना मुमकिन नहीं लग रहा। पिछली सूरत में भाजपा को 120 में से 80 और कांग्रेस को 36 सीटें मिली थीं।
6 नगर निगम के लिए हुए चुनाव में कुल 2,276 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। आज भाजपा के 577, कांग्रेस के 566, आम आदमी पार्टी के 470, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 91, अन्य पार्टियों के 353 और 228 निर्दलीय उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है।
इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच है। भाजपा का पिछले कई कार्यकाल से इन छह नगर निगमों पर शासन रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि वह भाजपा और कांग्रेस के सामने एक प्रभावी विकल्प होगी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव लड़ रही है।