किसानों ने कहा- अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो वे 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। दस दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। कानूनों पर बीच का रास्ता निकालने के लिए किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर बैठक शुरू हो गई है। किसानों के साथ बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक बुलाई थी।
इससे पहले किसानों ने शुक्रवार को कहा कि अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो वे 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है। शुक्रवार को किसानों की मीटिंग के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा- आने वाले दिनों में दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक करेंगे। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि 5 दिसंबर यानी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाए जाएंगे।
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टिकरी-कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से ज्यादा किसान बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहे हैं। अपील के बावजूद किसान कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। तीन किसानों की मौत हो चुकी है। समर्थन देने पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू कोरोना पॉजिटिव मिले। हरियाणा भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया- किसानों से अपील कर रहे हैं कि तबीयत खराब होते ही चेकअप करवा कर दवाई लें। जिन्हें बुखार है, वे कोरोना टेस्ट भी कराएं। करीब एक हजार किसान दवा ले चुके हैं।