23 जनवरी को असम के 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने हथियार डाले थे।
असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी चार गुटों के 1615 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। उग्रवादियों ने 178 हथियार और विस्फोटक भी जमा कराए। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा भी मौजूद रहे। सोनोवाल ने कहा- हम बोडो समझौते में कही बात को पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। असम को पूर्वोत्तर का बेहतर राज्य बनाना है। 23 जनवरी को असम के 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने हथियार डाले थे।
इस महीने की शुरुआत में एनडीएफबी ने सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया था। समझौते के मुताबिक, एनडीएफबी सरगना बी साओराईगवरा समेत सभी उग्रवादी हिंसक गतिविधियां रोकेंगे और सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होंगे। त्रिपक्षीय समझौते में एनडीएफबी, केंद्र सरकार और असम सरकार शामिल थे। समझौते के मुताबिक, अगले तीन साल तक बोडोलैंड क्षेत्र के विकास से लिए 1500 करोड़ रुपए की वित्तीय पैकेज भी दिया जाना है। इसके साथ ही सरकार ने समझौते में उस इलाके में केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत कई शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान खोलने का वादा किया है।
इससे पहले, 23 जनवरी को असम के 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। सरेंडर करने वाले सदस्य यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया (एनडीएफबी), आरएनएलएफ, केएलओ, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), नेशनल संथाल लिबरेशन आर्मी (एनएसएलए), आदिवासी ड्रैगन फाइटर (एडीएफ) और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बंगाली (एनएलएफबी) के थे।
We are committed to fulfill the #BodoAgreement in letter and spirit. I urge the NDFB cadres who have joined the mainstream to dedicate themselves in making Assam the best in the #SEAsia region: CM @sarbanandsonwal pic.twitter.com/lhyuSRbRPp
— Chief Minister Assam (@CMOfficeAssam) January 30, 2020